आखिर किस सभ्यता का बीज बो रहे हैं लोग
अपनी ही गलतियों पर आज रो रहे हैं लोग
हर तरफ फैली है झूठ और फरेब की आग
फिर भी अंजान बने सो रहे है लोग
दौलत की आरजू में यूं मशगूल हैं सबRead More! Earn More! Learn More!
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