गुरूर's image
तू जो ये इतराता है अपनी हैसियत पर
सुन! टूट जाते हैं ये गुरूर एक वक्त पर

ठुकरा कर मुझे जो गुमान कर रहा है अपने रुतबे पर
चकना चूर हो जाते हैं ये रुतबे अकेले पड़ने पर

गैरों के लिए तू मेरे जिस लहज़े से भाग रहा है
न जाने कितनों ने दिल हारे हैं इस लहज़े प
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