दिल की धड़कन सुनोगी तो याद आऊंगा
जब खुदको निहारोगी तो याद आऊंगा
आज रचाई है मेंहन्दी मेरे नामकी तुम ने
जब भी हाथों पे सजेगी हिना याद आऊंगा
लिपटे थे जिस्म औ जान कभी वीरानोमे
जब भी देखोगी मंज़र खुला याद आऊंगा
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दिल की धड़कन सुनोगी तो याद आऊंगा
जब खुदको निहारोगी तो याद आऊंगा
आज रचाई है मेंहन्दी मेरे नामकी तुम ने
जब भी हाथों पे सजेगी हिना याद आऊंगा
लिपटे थे जिस्म औ जान कभी वीरानोमे
जब भी देखोगी मंज़र खुला याद आऊंगा