इश्क़क ब्यौपार में अजीब सौदा हो गया
तू मेरा न हो पाया मगर मैं तेरा हो गया
मैं पुकारता रहा बादलोको बरसने के लिए
तूने हरी चूड़िया पहनी सावन हरा हो गया
कुछ भी कहा नही तेरी आग़ोशमें आके
कुछ गिला बचा नही आँचल गीला हो गया
इस कदर बढ़ती रही इश्क की दीवानगी
पागल था
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