अग्रजा.......'s image
समय जो महसूस किया तब
सोचो  तो 
रूह कांप जाती है अब

दृदशक्ती ही तुम्हारी
बन गई थी ताक़त तुम्हारी
उससे मिलता था हौसला हमें भी 
वरना डर ने तो डरा ही दिया था हमें भी

एक एक दुआ में मांगी थी
सबने दुआएं हजार
कि बस तुम आ जाओे 
इस संकट से बाहर

हुआ खुदा भी रहनुमा
हुआ दुआओ की सबका यूं असर 
कि तुम आ गई उस अज़ाब से बाहर ,इस तरह
जैसे
बादलों में से ,खिल ही जाती है धूप, जिस तरह
अंधेरों को चीरकर, निकल ही आती है रोशनी, जिस तरह
बवंडर को हरा, किश्ती पा ही लेती है किनारा,  जिस तरह

आभार,  प्रभु का करें जितना भी, वो कम है
लिखें कुछ , गर अपनो के लिए
तो अक्षर भी कम है
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