
किसी ने कहानियाँ सुनाई,
किसी ने क़िस्से गढ़े,
किसी ने जी भर के फेंकी,
किसी ने जी भर के लपेटी।
कोई ले आया ढोलक,
किसी ने ग़िटार बजाई,
कोई ताली बजाने में मस्त,
कोई थाली बजाने में,
किसी ने दीया जलाया,
किसी ने दिल।
रफ़्तार हुई शून्य ज़िंदगी की जब,
तो हुआ अहसास कि,
बाज़ीगर है ये ज़िंदगी!
दिलदार है ये ज़िंदगी!
सबके
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