
कब तक लडता रहु नसीब से,
समय की रफ़्तार से पीछा रह गया हूँ
लोंगो की भीड़ मे कुचल सा गया हूँ
अब लोग जुबान से जुबान नहीं लड़ाते
बस
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कब तक लडता रहु नसीब से,
समय की रफ़्तार से पीछा रह गया हूँ
लोंगो की भीड़ मे कुचल सा गया हूँ
अब लोग जुबान से जुबान नहीं लड़ाते
बस