
जो खिलाफ थे वो खिलाफ रहे.
जो हमदर्द हो वो साथ रहे.
जिन्हें नफरत हो वो दूर रहे.
हो जिन्हें मोहब्बत पास रहे.
जिन्हें सुबह चाहिए आम रहे.
जिन्हें रात चाहिए खास रहे.
जो नादान सत्ता के साथ खड़े है.
वो मुस्तक़बिल के खिलाफ खड़े है.
हम हर हाल वतन के साथ खड़े
जो हमदर्द हो वो साथ रहे.
जिन्हें नफरत हो वो दूर रहे.
हो जिन्हें मोहब्बत पास रहे.
जिन्हें सुबह चाहिए आम रहे.
जिन्हें रात चाहिए खास रहे.
जो नादान सत्ता के साथ खड़े है.
वो मुस्तक़बिल के खिलाफ खड़े है.
हम हर हाल वतन के साथ खड़े
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