
सुनो कोकिला, उड़ जाओ तुम
विदा गीत ना गा पायेंगे
रुंधे हुए हैं गले सुरों के,
शहनाई से आँसू टपके,
साँस ताल की उखड़ी-उखड़ी,
बोल आँख से बह जायेंगे,
विदा गीत ना गा पायेंगे
ज़हर बुझे युग की तुम अम
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सुनो कोकिला, उड़ जाओ तुम
विदा गीत ना गा पायेंगे
रुंधे हुए हैं गले सुरों के,
शहनाई से आँसू टपके,
साँस ताल की उखड़ी-उखड़ी,
बोल आँख से बह जायेंगे,
विदा गीत ना गा पायेंगे
ज़हर बुझे युग की तुम अम