फिर से आ कर छड़ी घुमा, ओ जादूगर
इंद्रधनुष फिर वही बना, ओ जादूगर
पिछले रंग चटक थे, लेकिन कच्चे थे
उड़े, ज़रा सी चली हवा, ओ जादूगर
झाँक रही है कालिख रंगो के पीछे
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फिर से आ कर छड़ी घुमा, ओ जादूगर
इंद्रधनुष फिर वही बना, ओ जादूगर
पिछले रंग चटक थे, लेकिन कच्चे थे
उड़े, ज़रा सी चली हवा, ओ जादूगर
झाँक रही है कालिख रंगो के पीछे