तुम्हारे रंग जिनमें थे,
वो फ़ोटो तितलियां सी थीं
जिसे हम फ़्लैश समझे थे,
नज़र की बिजलियां सी थीं
ज़हन के कैमरे में थीं,
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तुम्हारे रंग जिनमें थे,
वो फ़ोटो तितलियां सी थीं
जिसे हम फ़्लैश समझे थे,
नज़र की बिजलियां सी थीं
ज़हन के कैमरे में थीं,