यादों के झोंके में हम यूं मशगूल हो गए
बचपन के सुहाने पल में खो गए
बचपन के दोस्तों के फोन ने हमें
चालीस साल पहले के जीवन में
जब हम सब १५ ,१६ वर्ष की आयु में थे
आज सीनियर सिटीजन हो गए ।
वो बिंदास जीवन जिसमें केवल मस्ती
ही मस्ती थी,
ना कोई गम ना
Read More! Earn More! Learn More!