ये सियासी नगमे रास नहीं आते हैं
सिर्फ हमें भरमाते हैं,
हम जनता हैं हमारी कौन सुनता है
सब अपने रसूख की बात करते हैं,
जनता के नुमाइंदे हैं पर बिंदास परिंदे हैं
कभी इस डाल पर कभी उस
Read More! Earn More! Learn More!
ये सियासी नगमे रास नहीं आते हैं
सिर्फ हमें भरमाते हैं,
हम जनता हैं हमारी कौन सुनता है
सब अपने रसूख की बात करते हैं,
जनता के नुमाइंदे हैं पर बिंदास परिंदे हैं
कभी इस डाल पर कभी उस