बड़ी बेदर्द जमीं है सियासत की यारों,
इस पर जो चलते हैं वो भावनाओं में नहीं भटकते,
इनकी नजर में सत्ता का आसमानी खयाल,
ये कहां अवाम की फिकर करते हैं ।
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बड़ी बेदर्द जमीं है सियासत की यारों,
इस पर जो चलते हैं वो भावनाओं में नहीं भटकते,
इनकी नजर में सत्ता का आसमानी खयाल,
ये कहां अवाम की फिकर करते हैं ।