हमारे अपने ही हमारे सपनों के सौदागर,
अवाम से नए वादों का पिटारा खोल देते हैं,
अपने वोट के लिए सुनहरे सपनों
का महल बना देते हैं,
फिर खुद की मंजिल
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हमारे अपने ही हमारे सपनों के सौदागर,
अवाम से नए वादों का पिटारा खोल देते हैं,
अपने वोट के लिए सुनहरे सपनों
का महल बना देते हैं,
फिर खुद की मंजिल