सांझ ढले's image

सांझ ढलते ही साथ छोड़ जाओगे

साथी हर सफर के हो फिर क्यों छोड़ जाओगे

दिन के उजाले में कदम कदम साथ

चलते हो,

सांझ ढलते ही गायब हो जाओगे ।

अपने ही वजूद की छाया बनकर

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