सांझ ढले's image

सांझ ढलते ही मायूस हो जाता हूं,

मेरे ख्वाबों की ताबीर धुंधला जाता है,

हर सुबह एक ख्वाब बनाता हूं,

सांझ होते ही अंधेरों में गुम हो जा

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