
शब्दों की जुगल बंदी से बनती है कविता
जीवन को संदेश देती ऐसी है कविता
निराशा में आशा का ज्योति जलाए
बुझते चिराग में विश्वास का तेल डाले
जीने की आरजू को जगाती है कविता ।
भटके हुए लोगों को पल पल
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जीवन को संदेश देती ऐसी है कविता
निराशा में आशा का ज्योति जलाए
बुझते चिराग में विश्वास का तेल डाले
जीने की आरजू को जगाती है कविता ।
भटके हुए लोगों को पल पल