रुसवाइयाँ's image
103K

रुसवाइयाँ

रुसवाइयों के बोझ से दबे हैं हम

फिर भी सिर उठाकर चलने की हिम्मत रखते हैं

हमारे कदमों के निशान मिटा सकता नहीं कोई

क्योंकि हम खुद पर एतबार रखते हैं ।

माना कि हमारी वफाओं के सिला को

जमाने ने रुसवा किया,

किसी से

Read More! Earn More! Learn More!