पिंजरे से निकलेगा पंछी आज
आजादी की आज लेगा सांस,
चमक दमक में पला था जो ,
कैदी बन जेल में था वो,
आज खुली हवा में लेगा सांस,
अ
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पिंजरे से निकलेगा पंछी आज
आजादी की आज लेगा सांस,
चमक दमक में पला था जो ,
कैदी बन जेल में था वो,
आज खुली हवा में लेगा सांस,
अ