फासले यूं बढ़ते गए,
जिंदगी सिकुड़ती गई,
भावना संवेदना से दूर हो गए हम सब,
मानवता के बीच दीवार बनती गई,
अब ना कोई प्यार है ना कोई जज्बात,
दिखावा और छलावा में जिंदगीRead More! Earn More! Learn More!
फासले यूं बढ़ते गए,
जिंदगी सिकुड़ती गई,
भावना संवेदना से दूर हो गए हम सब,
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