
मुट्ठी में रेत की तरह जिंदगी
फिसलती जा रही,
जीवन की रेखाएं भी सिमतती
जा रही,
आंखों में तैरते सपने यूं बिखर जायेंगे
खुशियों के हंसी पल यूं बीत जायेंगे
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मुट्ठी में रेत की तरह जिंदगी
फिसलती जा रही,
जीवन की रेखाएं भी सिमतती
जा रही,
आंखों में तैरते सपने यूं बिखर जायेंगे
खुशियों के हंसी पल यूं बीत जायेंगे