मोहब्बत के नाम पर कविता और शायरी
कवि और शायर करते हैं अक्सर
नफरत और तिजारत भरी हर गली में
इस पर नहीं कुछ कहते क्यों अक्सर,
तालियां जहां मिलती है इनको
वही नज्म इनकी पहचान है,
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मोहब्बत के नाम पर कविता और शायरी
कवि और शायर करते हैं अक्सर
नफरत और तिजारत भरी हर गली में
इस पर नहीं कुछ कहते क्यों अक्सर,
तालियां जहां मिलती है इनको
वही नज्म इनकी पहचान है,