
मैं पर्वत हूं,
मैं विशाल अटल हूं,
मेरी पर्वत चोटियां विशाल,
चारों दिशाओं में फैली हैं,
मेरे ऊपर फैली वस्पतियां मेरी शिराएं हैं,
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मैं पर्वत हूं,
मैं विशाल अटल हूं,
मेरी पर्वत चोटियां विशाल,
चारों दिशाओं में फैली हैं,
मेरे ऊपर फैली वस्पतियां मेरी शिराएं हैं,