मैं किताब हूँ,
सभी काल देश का हिसाब हूँ
मैं किताब हूँ ।
मैं ज्ञान विज्ञान का पुंज हूँ,
मैं ऋषि,मुनियों, महत्माओं
के दर्शन,लेखन का कुन्ज हूं
मैं किताब हूँ ।
मैं देवी देवताओं,मुनियों,ऋषियों
के सत्य, ज्ञान, आविष्कार का
स्मृति पटल हूं, ज्ञान गंगा हूँ
मैं किताब हूँ ।
मैं ज्ञानी का ज्ञान हूँ,
अज्ञानी का प्रकाश हूँ
मैं अविरल ज्ञान गंगा की रसधारा हूँ
मैं किताब हूँ ।
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