मधुशाला से प्यार निराला
इस प्याले ने सारे गम धो डाला
गले से नीचे उतरी हाला
पीने वाला हो गया मतवाला,
भूल गया अपना घर आंगन
याद है केवल मधुशाला ।
झूम झूम कर घूम रहा
बोतल पकड़े घूर रहा
इसमें डूब गया है सब कुछ
बचा नहीं रहा अब कुछ
फिर भी इ
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