कुछ सपने's image

यह कविता जोशी मठ के निवासियों की त्रासदी पर है, लोगों के आशियाने उजड़ने वाले हैं, प्राकृतिक आपदा की इस त्रासदी का दर्द वही महसूस कर सकता है जो उसे झेल रहा है । हम सबकी भावनाएं उनके साथ हैं ।

कुछ सपने टूट रहे हैं

कुछ आंखे भरी भरी

जीवन की इस कठिन घड़ी में

विपदा आन पड़ी ।

जिन दीवारों के अंतर्मन में

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