किस्मत से अब लड़ना है
हार नहीं अब सहना है
मजबूरी को उछाल हवा में
आगे बढ़ते रहना है,
किस्मत से अब लड़ना है ।
कुदरत ने जो चोट किया
मेरे तन में जो खोट दिया
स्वीकार किया इस नेमत को
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किस्मत से अब लड़ना है
हार नहीं अब सहना है
मजबूरी को उछाल हवा में
आगे बढ़ते रहना है,
किस्मत से अब लड़ना है ।
कुदरत ने जो चोट किया
मेरे तन में जो खोट दिया
स्वीकार किया इस नेमत को
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