कलयुग's image

यह कलयुग है भाई गुनाहगार ऐश करते हैं,

ईमानदार दर्द सहते हैं,

जो शराफत से जीना चाहते हैं गुमनाम रहते हैं

जिन्होंने शराफत छोड़ दी वही तो शहंशाह बनते हैं ,

कोई शिकवा नहीं कलयुग के इस गुण का भाई,

कोई तो है जो कलयुग के इस युग में सरनाम है भाई,

वैसे भी कहावत सही है;

रामचंद्र कह गए सिया से

Read More! Earn More! Learn More!