जागो उठो तुम हिम्मत न छोड़ो,
अपने हुनर से मुंह न तुम मोड़ो,
तुममें भरा है अनुभव सारा,
फिर क्यों निराशा जीवन से हारा,
अपने ठुकराए कोई गम नहीं
अपने हुनर में तुम कम नहीं,
फिर क्यों निराशा का लेते सहारा,
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जागो उठो तुम हिम्मत न छोड़ो,
अपने हुनर से मुंह न तुम मोड़ो,
तुममें भरा है अनुभव सारा,
फिर क्यों निराशा जीवन से हारा,
अपने ठुकराए कोई गम नहीं
अपने हुनर में तुम कम नहीं,
फिर क्यों निराशा का लेते सहारा,
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