
हे कर्मवीर तुम उठो,
आलस्य त्याग कदम बढ़ाओ,
मंजिल तुमको बुला रही है,
तेरे ही कर्मक्षेत्र का आह्वान
तुमको सुना रही है ।
अपने कर्म की फूंको बिगुल
युद्ध का आगाज क
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हे कर्मवीर तुम उठो,
आलस्य त्याग कदम बढ़ाओ,
मंजिल तुमको बुला रही है,
तेरे ही कर्मक्षेत्र का आह्वान
तुमको सुना रही है ।
अपने कर्म की फूंको बिगुल
युद्ध का आगाज क