हवाओं में भीनी सुगंध आ रही है
फिजाओं में मधुर गंध मिल गई है
फूल कलियां खिली महक से गुलशन भरा
सूने जीवन में जैसे बहारें मिल गई हैं ।
कहीं कोयल की मधुर बोल कानों में गूंजे
कहीं मंदिर की घंटियों से भक्ति गीत गूंजे
इन महकती फिज
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