
तूं गर चाहे तो हवाओं का रुख मोड़ दे,
तूं गर चाहे तो पहाड़ों को पीछे ठेल दे,
तेरे अंदर वो ताकत है कि आने वाली
मौत का भी मुंह मोड़ दे ।
ऐ इंसान तु
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तूं गर चाहे तो हवाओं का रुख मोड़ दे,
तूं गर चाहे तो पहाड़ों को पीछे ठेल दे,
तेरे अंदर वो ताकत है कि आने वाली
मौत का भी मुंह मोड़ दे ।
ऐ इंसान तु