
हम जनता हैं
हमारी कौन सुनता है,
माना की हमारा मत लोकतंत्र की धुरी है,
संविधान और सरकार की हर व्यवस्थाएं
जन लाभ के लिए जरूरी हैं
मगर सरकारों का दिखावा वादों का दावा
मात्र चुनाव जीतने का छलावा है ।
अपने शानो शौकत में मशगूल
राजनेता
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