गिरेहबां तेरा भी दागदार हो कभी सोचा न था
अवाम से इस कदर बेपरवाह हो कभी सोचा न था
तेरे ही नाम से दम भरते हैं दिन रात
तेरे ही उसूलों को करते हैं तार तार
इस मंदिर के पुजारी हैं या लोकतंत्र की लाचारी
अपने ही रसूख की करते हैं मारा मारी
इनके सफेद लिबास बेदाग
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