![दास्तां's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40sahdeo-singh/None/IMG20230114133857_14-01-2023_21-10-13-PM.jpg)
क्या सुनाएं अपनी दास्तां
जब हर कदम ठोकर मिली
जिस पर मेरा विश्वास था
उससे भी मायूसी मिली ।
एक दौर ऐसा था जब
उम्मीद से लबरेज था
आज उस उम्मीद की किर्ची
आंखों में गड़ी ।
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जब हर कदम ठोकर मिली
जिस पर मेरा विश्वास था
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आज उस उम्मीद की किर्ची
आंखों में गड़ी ।
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