
भावनाओं का मोल नहीं
ये तो बस भ्रम फैलाती हैं
जिन सहारों की आस लगाए बैठे थे,
हालात बदलते ही दूर हो जाते हैं ।
अब तो हर इंसान व्यापारी बन ग
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भावनाओं का मोल नहीं
ये तो बस भ्रम फैलाती हैं
जिन सहारों की आस लगाए बैठे थे,
हालात बदलते ही दूर हो जाते हैं ।
अब तो हर इंसान व्यापारी बन ग