बड़ी बेदर्द दुनिया है जो औरोँ को दुख ना समझे,
किसकी परेशानी क्या है यह भी न जो समझे,
इंसानियतम खो गयी मतलब के कालिमा में,
किसी में कुछ भी नहीं बचा मानवता के बानो में ।।
हर इंसान के दिल में बस पैसों की चाहत है,
अपने हित के लिए दूसरोँ को घातक है,
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