इन आंखों में छिपी खामोशी,
दिल के दर्द बयाँ करती है,
खामोश हैं मगर,
खामोशी में सब कुछ बयाँ करती है ।
कुछ कहने के लिये शब्द जरूरी नहीं,
आँखे अभिव्य
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इन आंखों में छिपी खामोशी,
दिल के दर्द बयाँ करती है,
खामोश हैं मगर,
खामोशी में सब कुछ बयाँ करती है ।
कुछ कहने के लिये शब्द जरूरी नहीं,
आँखे अभिव्य