जब एक अंगुली उठाते हो
भूल जाते हैं चार अंगुलियाँ
खुद पर इशारा करती हैं,
अपने अंदर झांककर देखो
कहीं खुद भी दागदार तो नहीं,
अपने अपने नजरिया से दुनिया
को देखते
Read More! Earn More! Learn More!
जब एक अंगुली उठाते हो
भूल जाते हैं चार अंगुलियाँ
खुद पर इशारा करती हैं,
अपने अंदर झांककर देखो
कहीं खुद भी दागदार तो नहीं,
अपने अपने नजरिया से दुनिया
को देखते