बहुत सी बातें कही नहीं जाती
बस महसूस की जाती हैं,
गमों की काली रातें हों या खुशियों का उजाला
कुछ ना कुछ दर्द का साया सबके दिलों का छाला,
कोई सरे आम जाहिर करता है
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बहुत सी बातें कही नहीं जाती
बस महसूस की जाती हैं,
गमों की काली रातें हों या खुशियों का उजाला
कुछ ना कुछ दर्द का साया सबके दिलों का छाला,
कोई सरे आम जाहिर करता है