
यह कैसी आजादी ?
कल मैं सोचने लगा,
यह कैसी आजादी है,
चौहात्तर साल बाद भी,
आम जनता जिन्दगी
जीने के लिये संघर्ष,
कर रही है,
भूख, गरीबी, बेरोजगारी,
आर्थिक तंगी के जंजीरों,
जकड़ी अपने अस्तित्व के,
लिये रोज लड रही है,
यह कैसी आजादी ?
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