इश्क की गजल's image

आँखे चुराते चुराते आँखे चार हो गईं

जैसे सून-सान दिल में बहार हो गयी


इश्क़ की सफर से बचते फिरते थे

आज उसी सफर पर गाड़ी सवार हो गयी


यूँ तो चेहरे निहारने का शौक नहीं हमें

पर उन नज़रों की ये नज़रे शिकार हो गयी


जिस मोड़ पर उलझा इस घड़ी में दुपट्टा

वो जगह खूबसूरत यादों में शुमार हो गयी


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