मन की अभिलाषा's image
340K

मन की अभिलाषा

मेरे मन की यह अभिलाषा,
    समझें मानवता की भाषा।
ऊंच-नीच का भाव मिटा कर,
    बंद करें सब खेल तमाशा।
                    मेरे मन.........

मेरे मन की यह अभिलाषा,
 ‌ हृदय-हृदय जागे जिज्ञासा।
अंतर्मन की गठरी खोलें,
    शब्द सहज हैं, नहीं कुभाषा।
                           मेरे मन.........

मेरे मन की यह अभिलाषा,
    मौन अधर की समझें भाषा।
सूने से मन के आंगन से,
     चलो मिटाएं सभी निराशा।
                        मेरे मन.........

मेरे मन की यह अभिलाषा,
     बिन पंखों के उड़ें हवा सा।
आलिंगन कर चलें गगन का
Read More! Earn More! Learn More!