![तुम और समुन्द्र's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40rupali-yadav/None/1678591659204_12-03-2023_08-57-44-AM.png)
ये जो विशाल समुन्द्र है,
इसकी ओर कई नदियाँ बढ़ती हैं,
और हो जाती हैं आकर लोप इसमें।
पर इस समुन्द्र की भी तो होगी कोई पसंदीदा नदी!!
जिसे वो खुद मैं ना समाकर,
खुद उसमें मिल जाना चाहता होगा।
जिसे उसने उतारा होगा खुद मैं नम्रता से।
जिसके सूखने के ख्याल मात्र से घबरा जाता होग
इसकी ओर कई नदियाँ बढ़ती हैं,
और हो जाती हैं आकर लोप इसमें।
पर इस समुन्द्र की भी तो होगी कोई पसंदीदा नदी!!
जिसे वो खुद मैं ना समाकर,
खुद उसमें मिल जाना चाहता होगा।
जिसे उसने उतारा होगा खुद मैं नम्रता से।
जिसके सूखने के ख्याल मात्र से घबरा जाता होग
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