आ ठहर मेरे पास बैठ,
आँख मूँद मेरे ख्वाब देख।
यहां वहां हर जगह मै,
तू मुझमे अपनी कायनात देख।।
सिरहने का ख्वाब लिए जो आया है ,
रुक, ठहर, इंतज़ार कर ,
मुझसे तू ऐसी आस कर,
ख्वाब सारे पूरे होंगे ,
मुझसे तू ऐसी बात कर ,
मै समझ गयी तेरी उलझन ,
उलझनो को लांग कर ,
कुछ नये
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