परवाज़'s image
अंधेरी रात है अभी
कुछ ख्वाब अधूरे बाकी हैं,
अनकहे सवालों के
ढूंढने जवाब अभी बाकी हैं
अभी निकला ही हूं मैं
रेत की पगडंडियों पर
छोड़ने रेत पर मेरे पैरों
के निशां अभी बाकी हैं
अभी फूटा ही है नव अंकुर
कोई वसुधा पर
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