
मन अब मस्ती में नहीं,
महज़ मौन में लगता है
सुकून शोर में अब नहीं
सन्नाटों में मिलता है
यूं सबने नीरस कह दिया
Read More! Earn More! Learn More!
मन अब मस्ती में नहीं,
महज़ मौन में लगता है
सुकून शोर में अब नहीं
सन्नाटों में मिलता है
यूं सबने नीरस कह दिया