ज़िंदगी दौड़ रही's image
103K

ज़िंदगी दौड़ रही

ज़िंदगी दौड़ रही

अपनी रफ़्तार से

आप काहे जल रहे

बिजली के तार से


मिलेगी न तसल्ली ऐसे

ख़ुद के ख़्वाब मार के

बैठ जाओगे जो तुम यूं ही

हकीकतों से हार के


रास आएगी न खुशियां यूं

पैसों

Read More! Earn More! Learn More!