वाह रे इंसान's image

भागदौड़ की ज़िंदगी भी

सच में अजीब है

सुकून की तलाश में

सबके नसीब है


आज का पता नहीं

मगर कल की तैयारी है

औरों की खुशियाँ

ख़ुद के गमों पर भारी हैं


अपनों से बनती नहीं

गै

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